Molshri
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(गमले के बिना मिलेगा 1 से डेढ़ फीट )
(कम से कम कोई भी 2 पौधे लेने पर डिलीवरी फ्री है। )
मौलश्री एक सुपरिचित वृक्ष है. इसे संस्कृत में केसव, हिन्दी में मोलसरी या बकुल, बंगाली में गांछ, गुजराती में बोलसरी, पंजाबी में मोलसरी, तमिल में अलांगु केसारम तथा लेटिन में माईमोसाप्स, इलेजाई कहते है। मौलश्री एक औषधीय वृक्ष है, इसका सदियों से आयुर्वेद में उपयोग होता आ रहा है। इसके चमकीले हरे पत्ते वृक्ष की सुन्दर बनावट मन को मोह लेती है।
प्रकार: फलदार
देखरेख: कम देखरेख
पानी की आवश्यकता: प्रतिदिन
इनडोर / आउटडोर: आउटडोर
पौधे की उंचाई: प्रत्यक्ष सूरज की रौशनी
विशेषता: मौलश्री एक औषधीय पौधा है।
नोट: काली थैली निकाल कर ३ भाग काली मिट्टी + १ भाग रेती +१ भाग कंडा लेकर गमले में लगाएं।
(कम से कम कोई भी 2 पौधे लेने पर डिलीवरी फ्री है। )
मौलश्री एक सुपरिचित वृक्ष है. इसे संस्कृत में केसव, हिन्दी में मोलसरी या बकुल, बंगाली में गांछ, गुजराती में बोलसरी, पंजाबी में मोलसरी, तमिल में अलांगु केसारम तथा लेटिन में माईमोसाप्स, इलेजाई कहते है। मौलश्री एक औषधीय वृक्ष है, इसका सदियों से आयुर्वेद में उपयोग होता आ रहा है। इसके चमकीले हरे पत्ते वृक्ष की सुन्दर बनावट मन को मोह लेती है।
प्रकार: फलदार
देखरेख: कम देखरेख
पानी की आवश्यकता: प्रतिदिन
इनडोर / आउटडोर: आउटडोर
पौधे की उंचाई: प्रत्यक्ष सूरज की रौशनी
विशेषता: मौलश्री एक औषधीय पौधा है।
नोट: काली थैली निकाल कर ३ भाग काली मिट्टी + १ भाग रेती +१ भाग कंडा लेकर गमले में लगाएं।
(गमले के बिना मिलेगा 1 से डेढ़ फीट )
(कम से कम कोई भी 2 पौधे लेने पर डिलीवरी फ्री है। )
मौलश्री एक सुपरिचित वृक्ष है. इसे संस्कृत में केसव, हिन्दी में मोलसरी या बकुल, बंगाली में गांछ, गुजराती में बोलसरी, पंजाबी में मोलसरी, तमिल में अलांगु केसारम तथा लेटिन में माईमोसाप्स, इलेजाई कहते है। मौलश्री एक औषधीय वृक्ष है, इसका सदियों से आयुर्वेद में उपयोग होता आ रहा है। इसके चमकीले हरे पत्ते वृक्ष की सुन्दर बनावट मन को मोह लेती है।
प्रकार: फलदार
देखरेख: कम देखरेख
पानी की आवश्यकता: प्रतिदिन
इनडोर / आउटडोर: आउटडोर
पौधे की उंचाई: प्रत्यक्ष सूरज की रौशनी
विशेषता: मौलश्री एक औषधीय पौधा है।
नोट: काली थैली निकाल कर ३ भाग काली मिट्टी + १ भाग रेती +१ भाग कंडा लेकर गमले में लगाएं।